बूढ़ी काकी कहती है boodhi kaki

एक वृद्धा जो मुझे अवगत करा रही है जीवन के अनगिनत पहुलओं से। बूढ़ी काकी ने जीवन को करीब से देखा है। उससे मेरा संवाद जारी है



2014 (4)
  1. उम्र, बुढ़ापा और जिंदगी
  2. कीचड़ भी निर्मल होगा
  3. यादों की डोर
  4. मायने बदल रही जिंदगी
  2013 (1)
  1. ठहर कर ठहरा नहीं जीवन

2012 (2)
  1. जीवन सुन्दर और अद्भुत
  2. एहसास बुढ़ापे का 
 2011 (40)
  1. गीली जिंदगी, सूखा जीवन
  2. जीवन की सीख
  3. क्यों खास हैं कुछ लोग?
  4. अच्छे लोग, बुरे लोग
  5. रंगों में जीवन बसता है
  6. पल दो पल का जीवन
  7. याद रहते हैं कुछ लोग
  8. न सिमटेगा यह प्रेम
  9. सच का सामना
  10. जीवन का निष्कर्ष नहीं
  11. जीवन अभी हारा नहीं
  12. पूर्व जनम के मिले संजोगी
  13. क्या पाया इतना जीकर?
  14. ठेस जो हृदय तोड़े
  15. हर पल जीभर जियो
  16. बुढ़ापे का प्रेम
  17. दिल अभी भरा नहीं
  18. हौंसला देती हैं मुसीबतें
  19. रुख युवा हवा का
  20. आभास रसहीनता का
  21. गलतियां सबक याद दिलाती हैं
  22. सीखने की भी चाह होती है
  23. अनुभव अहम होते हैं
  24. जिंदगी हर बार हार जाती है
  25. अपने ही अपने होते हैं
  26. बंधन मुक्ति मांगते हैं
  27. उन्मुक्त होने की चाह
  28. बुढ़ापा भी सुन्दर होता है
  29. अब यादों का सहारा है
  30. मकड़ी के जाले सी जिंदगी
  31. आखिर झुर्रियों से समझौता करना उसने सीख लिया
  32. उसने कहा था
  33. जिंदगी मीठी है
  34. सूखी भी, गीली हैं आंखें
  35. प्रेम कितना मीठा है
  36. जीवन से इतना प्यार है
  37. कहीं फूटती कोपलें मिल जाएं
  38. क्योंकि सपने हम भी देखते हैं
  39. दिमाग की सुनो, दिल की नहीं
  40. बूढ़ी आंखें कुछ कहती हैं
2010 (6)
  1. थोड़ा रो लो, मन हल्का हो जाएगा
  2. खुशी बिखेरता जीवन
  3. हम प्यार क्यों करते हैं?
  4. दूसरों का साथ
  5. क्यों हम जीवन खो देते हैं?
  6. बूढ़ी काकी कहती है