नन्हा मुन्ना राही


उसके नटखटपने के किस्से धीरे-धीरे मशहूर होते जा रहे हैं। वह अपनी आदत से बाज नहीं आने वाला। हालांकि उसने कोई औपचारिक तौर पर ऐलान नहीं किया वह अपनी शरारतें छोड़ देगा, मगर हमें लगता है कि एक दिन वह ऐसा जरुर करेगा। उसकी मां उसे बच्चा समझती है, लेकिन वह बड़ों को मात देता दिखाई पड़ता है। क्या मजाल कि कोई उससे उलझ सके। मजाक में उसे मैं स्पाइडरमैन कहता हूं या फिर हीमैन। वह है ही ऐसा कि उसे देखकर कुछ न कुछ कहने का मन स्वतः ही कर जाता है।

  उस दिन वह हमारे घर आ धमका। मैं बिल्कुल सहमा नहीं। मेरी कोई तैयारी नहीं थी। वह हमला नहीं करने वाला था। फौज भी साथ लेकर नहीं आया था। ईराक या सीरिया का मैदान नहीं था जहां हमला किया जाये। मेरी सांत्वना उन सभी के साथ है जो ईराक में फंसे हैं। साथ ही सीरिया में जो हुआ है और होने की उम्मीद है वह भी निंदनीय है।

  मेरा ख्याल था कि वह बच्चा सबसे पहले टी.वी. का रिमोट अपने हाथ में लेगा। मगर उसने ऐसा नहीं किया। वह छत पर घूमता रहा। पेड़-पौधों की हरियाली को देखता रहा। उसके कदम रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। शायद वह अपने नटखटपने के कारण ऐसा कर पा रहा हो। उछलकूद करना बच्चों की आदत होती है। वे भी हमारी तरह सोच विचार करने लगे तो बड़ों और छोटों में अंतर क्या रह जायेगा।

  उसे मैं ‘नन्ना मुन्ना राही’ कह सकता हूं कि वह देखने में हमलावर लगा लेकिन बाद में ऐसा नहीं हुआ। वह शांत दिखा, मगर उछलकूद करता रहा। समझ में नहीं आया कि शांति कायम रखी और कूदफांद भी की। वह बोलता कम है और दौड़ता ज्यादा है।

  पलंग पर लेट पर टीवी देखने में उसे आनंद आया। वह कार्टून चैनलों का मानो भक्त है। उसके बालों का जिक्र करने से पहले मुझे अपने बालों की तुलना उससे करनी होगी। मेरे बाल उसके बालों से कई गुना कम हैं। उसके बाल बांधने पड़ते हैं, वरना वे उसकी टांगों से गिरकर जमीन पर गिर जायें।

  वह हंसता हुआ बहुत खूबसूरत लगता है। उसकी आंखें भी अनोखी हैं। मैं उसे अनमोल बच्चा भी कह सकता हूं क्योंकि वह है ही सबसे अलग।

  आखिरकार उसका मन भर गया। वह अपने पिताजी के पास दौड़ गया। अब उसे घर जाना था। वहां के लिए कुछ नया सोचा होगा उसने। मुस्कराता हुआ वह चल निकला। 

-हरमिन्दर सिंह चाहल

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