काली छाया

black, shadow, vradhgram
काला कोट
ओढ़कर आया कौन?
आंचल में रहा समेट
आया कौन?

खेल का हुआ अंत
जीवन जितना जिआ,
अट्ठाहस है कैसा?
इंसान अंजान बैठा
बन रही योजनाएं,
धीरे-धीरे बढ़ रही
काली छाया।

-Harminder Singh